जिला शिक्षा के क्षेत्र में बहुत विकसित है। इस अविकसितता का मुख्य कारण स्कूलों में असमानता और मानक शिक्षा की कमी को माना जा सकता है। गणित, भौतिकी, रसायन और अंग्रेजी जैसे उच्च विद्यालय स्तर पर विशेष शिक्षकों की कमी की एक बड़ी मात्रा है। भले ही भर्ती हो गई हो लेकिन शिक्षकों को बाहर की पेशकश मिलते ही अन्य स्थानों पर जाने की आदत होती है।
इस पहलू को ध्यान में रखते हुए आश्रम शालाओं (आवासीय विद्यालयों) को ऐसे सुव्यवस्थित गाँवों में खोलना आवश्यक है, जहाँ आस-पास के 4 से 5 दूरस्थ और असंबद्ध गाँवों के बच्चों को शिक्षित किया जा सके। पोटा केबिन आश्रम मुख्य रूप से ड्रॉपआउट छात्रों के लिए आयोजित किया जाता है। इस प्रकार नियमित छात्रों के लिए आश्रमों की व्यवस्था उपयोगी होगी।
अनु क्रमांक | जिला | खंड | क्लस्टर की संख्या | पी.एस | यू.पी.एस | पी.एस के साथ यू.पी.एस | पी.एस के साथ यूपीएस एससी एचएससी | यूपीएस के साथ एससी एचएससी | पी.एस के साथ यूपीएस एससी | यूपीएस के साथ एससी | एससी | एससी के साथ एचएससी | एचएससी | स्कूल |
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1 | सुकमा | छिन्दगढ | 27 | 300 | 80 | 9 | 1 | 1 | 1 | 0 | 8 | 5 | 0 | 405 |
2 | सुकमा | कोन्टा | 20 | 291 | 54 | 16 | 0 | 1 | 2 | 1 | 5 | 5 | 0 | 375 |
3 | सुकमा | सुकमा | 14 | 182 | 61 | 12 | 4 | 1 | 2 | 1 | 6 | 5 | 0 | 274 |
कुल | 61 | 773 | 195 | 37 | 5 | 3 | 5 | 2 | 19 | 15 | 0 | 1054 |